जिंदगी कैसे जिये इसको लेकर बड़ी जद्दोजहद चलती रहती है, बिना कलुष के कुंठा के बेहतर जीवन जीने की आकांक्षा सबकी होती है मेरी भी, कई बार बेहद अच्छा और सार्थक जीवन जीने के चक्कर में जिंदगी का कबाड़ा भी बना लेता हूँ, लेकिन कहीं लिखी देखी इन लाइनों नें कुछ दिन का दाना पानी जिन्दगी को मुहैय्या करा दिया है,
बस इन लाइंस के लिए विंसेट वान गाग को दिल से शुक्रिया कहना चाहता हूँ...वो लाइंस आप भी पढ़िए और हो सके तो जीवन में उतार लीजिये...मजा आएगा...मुझे लगता है...
दुनिया में काम करने के लिए आदमी को अपने ही भीतर मरना पड़ता है, आदमी इस दुनिया में सिर्फ खुश होने नहीं आया है, वह ऐसे ही इमानदार बनने को भी नहीं आया है, वह पूरी मानवता के लिए महान चीजें बनाने के लिए आया है, वह उदारता प्राप्त करने को आया है, वह उस बेहूदगी को पार करने आया है जिसमे ज्यादातर लोगों का अस्तित्व घिसट ता रहता है
(विंसेट वान गाग की जीवनी लस्ट फॉर लाइफ से ली पंक्तियाँ )
हृदयेंद्र
Thursday, July 22, 2010
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फुहार
- hridayendra
- प्यार करता हूँ सबसे, आपकी कोई भी मदद बिना नफा नुक्सान सोचे कर दूंगा, अपने गुस्से से बहुत डर लगता है, हमेशा कोशिश रहती है की बस ''गुस्सा'' न आये मुझे, लोग मुझे बहुत अच्छे दोस्त, शरीफ इंसान और एक इमानदार दुश्मन के तौर पर याद रखते हैं, एक बार दुश्मनी कीजिये, देखिये कितनी इमानदारी से ये काम भी करता हूँ,
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