आज गूगल देवता की कृपा से अपने ब्लॉग का ले आउट थोडा बदला है, मुझे अच्छा लगा ये बदलाव, क्यूंकि बदलाव हमेशा सुखद होता है, राहत देता है कभी कभी, इस बार ज्यादा दे गया...अरे राहत भाई और क्या, शुक्रिया करने का मन किया, गूगल को..कभी कंप्यूटर देखकर दर लगता था..कुछ समझ में ही नहीं आता था..आज सबकुछ आसान लगता है...तकनीक के साथ जुगलबंदी अच्छी लग रही है....ऐसा ही आगे भी जारी रहेगा यही दुआ करता हूँ...
हृदयेंद्र
Thursday, July 15, 2010
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फुहार
- hridayendra
- प्यार करता हूँ सबसे, आपकी कोई भी मदद बिना नफा नुक्सान सोचे कर दूंगा, अपने गुस्से से बहुत डर लगता है, हमेशा कोशिश रहती है की बस ''गुस्सा'' न आये मुझे, लोग मुझे बहुत अच्छे दोस्त, शरीफ इंसान और एक इमानदार दुश्मन के तौर पर याद रखते हैं, एक बार दुश्मनी कीजिये, देखिये कितनी इमानदारी से ये काम भी करता हूँ,
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