बेहद शर्मनाक रहा आज का दिन,
सुबह से फेसबुक पर नवरात्रि की बधाइयाँ देनेवालों की लाइन लगी है, किसी नामुराद को ये तक याद नही की आज के दिन तीन
होनहार नौजवानों को फाँसी पर चढ़ा दिया गया,
' उनका कसूर सिर्फ़ इतना था की वो ''हमारे लिए आज़ादी चाहते थे'
घिन आई की मैं उस समाज का हिस्सा हूँ जो नवरात्रों जैसी घिसी पिटी
परंपरा को ढोने के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हे शुक्रिया कहने का वक़्त नही जिन्होने हमारी बेहतर... जिंदगी के लिए अपनी जान दे दी..दिल से शुक्रिया डा. हर्षवर्धन, ( सीनियर बीजेपी लीडर), की आज सुबह सुबह आपने अपनी फेसबुक वॉल पर इन शहीदों की कुर्बानी की याद दिलाई बहुत मिस करता हूँ भगत सिंह आपको, इस देश मे एक ही मर्द हुआ है वो आप है, हो सके तो इन्हे दिल से याद कीजिए नवरात्रे तो फिर आ जाएँगे लेकिन आज़ादी दुबारा नही मिलेगी....
हृदयेंद्र
Friday, March 23, 2012
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फुहार
- hridayendra
- प्यार करता हूँ सबसे, आपकी कोई भी मदद बिना नफा नुक्सान सोचे कर दूंगा, अपने गुस्से से बहुत डर लगता है, हमेशा कोशिश रहती है की बस ''गुस्सा'' न आये मुझे, लोग मुझे बहुत अच्छे दोस्त, शरीफ इंसान और एक इमानदार दुश्मन के तौर पर याद रखते हैं, एक बार दुश्मनी कीजिये, देखिये कितनी इमानदारी से ये काम भी करता हूँ,
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