हृदयेंद्र
Monday, December 26, 2011
जिंदगी की किताब से डीलीट करना चाहूँगा 2011
एक साल जिसे जिंदगी मे कभी याद नही करना चाहूँगा , मेरे सबसे प्यारे दोस्त, एक शानदार इंसान और मेरेपिता को मुझसे छीना , दिल्ली मे मेरे सबसे अज़ीज आलोक तोमर सर को छीना, स्टीव जॉब्स को छीनाऔर जाते जाते आदम गोंदवी को हमसे दूर ले गया, एक साल जिसे फिर कभी याद नही करना चाहूँगा, बुरा, बहुत बुरा.. बहुत गुस्से मे हूँ, 2011 इसे जिंदगी की किताब से डीलीट करना चाहूँगा.. 2012 मे अपने पापा के नाम पर डॉक्टर एस पी सिंह फाउंडेशन खोलना चाहूँगा, ये उनके लिए काम करेगा जिनके सर पर पिता का साया नही है, . एक ऐसा साल जिसने मेरी जिंदगी बदल दी,
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फुहार
- hridayendra
- प्यार करता हूँ सबसे, आपकी कोई भी मदद बिना नफा नुक्सान सोचे कर दूंगा, अपने गुस्से से बहुत डर लगता है, हमेशा कोशिश रहती है की बस ''गुस्सा'' न आये मुझे, लोग मुझे बहुत अच्छे दोस्त, शरीफ इंसान और एक इमानदार दुश्मन के तौर पर याद रखते हैं, एक बार दुश्मनी कीजिये, देखिये कितनी इमानदारी से ये काम भी करता हूँ,
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