Tuesday, June 8, 2010

इस मौत पर...

इस मौत पर
शांत होना चाहता हूँ
मौन होना चाहता हूँ
चुपचाप रोना चाहता हूँ
बहुत कुछ कहना चाहता हूँ
इस मौत पर टूटना चाहता हूँ
बिखरना चाहता हूँ
कुछ मौन रहकर
कहना चाहता हूँ
इस मौत पर...
सांस बंद
करके मुक्त होना चाहता हूँ
अँधेरे में खो जाना चाहता
हूँ इस मौत पर....
( डाली भाभी के लिए....भावभीनी श्रद्धांजलि )

2 comments:

adwet said...

Iswar unki aatma ko shanti de.

संजय भास्‍कर said...

Iswar unki aatma ko shanti de.

फुहार

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प्यार करता हूँ सबसे, आपकी कोई भी मदद बिना नफा नुक्सान सोचे कर दूंगा, अपने गुस्से से बहुत डर लगता है, हमेशा कोशिश रहती है की बस ''गुस्सा'' न आये मुझे, लोग मुझे बहुत अच्छे दोस्त, शरीफ इंसान और एक इमानदार दुश्मन के तौर पर याद रखते हैं, एक बार दुश्मनी कीजिये, देखिये कितनी इमानदारी से ये काम भी करता हूँ,